"प्यार का बखेड़ा"
(A Tiny Story)
ये कहानी है सनम और नवीन की। नवीन एक College student था और उसका घर से आना - जाना अपनी bike पर होता था जो उसे अक्सर धोखा दे देती थी। नवीन की माँ उसे अक्सर कहती थी नयी गाड़ी लेने को लेकिन वो उसके पापा की आखिरी निशानी थी जो उन्होंने उसके जन्मदिन पर तोहफे के रूप मे दी थी।
एक दिन college से आते वक़्त उसकी bike फिर से बंद हो गई। वो अब्दुल भाई की दुकान पे जैसे तैसे उसे ठीक कराने ले गया जहाँ वो अक्सर जाया करता था। नवीन देखता है अब्दुल भाई दुकान मे नही है लेकिन एक लड़का था वो उससे उनके बारे मे पूछता है तो पता चलता है अब्दुल भाई कुछ समय के लिए गाँव गए है। और दुकान की जिम्मेदारी उसे सौप गए है।
वो नवीन की bike ठीक करने लगता है। वो लड़का - "अब ये bike पुरानी हो चुकी है मै ठीक कर दूंगा लेकिन फिर से बंद हो सकती है।" नवीन - "तुम उसकी फिक्र ना करो वैसे तुम्हारा नाम क्या है? "
वो लड़का - "सनम"! अगले दिन उसकी गाड़ी फिर बंद पड़ गयी वो दुबारा सनम के पास ले गया जो उस वक़्त नमाज पढ़ रहा था। नवीन वही बैठ के इंतजार करते हुए उसे देखने लगा। कुछ समय बाद वो उसमे खो गया और सोचने लगा कितना सुंदर चेहरा और कठोर शरीर है इसका। विपरीत पर एक।
कुछ देर बाद सनम ने आकर उसका ध्यान तोड़ा जो उसे ही घूर रहा था। सनम - "लगता bike फिर खराब हो गयी रुको मै ठीक कर देता हूँ।" वो bike ठीक करने मे लगा था और नवीन उसके गठीले बदन को निहार रहा था। नवीन के निकलने से पहले बारिश शुरु हो जाती है और सनम उसे दुकान में ही बारिश बंद होने तक रुकने के लिए कहता है। दोनों तब तक बातें करने लगते है।
तभी सनम को लगता नवीन उसे अजीब निगाहों से देख रहा है। वो भी नवीन को बातों - बातों में कंधे और हाथ को छू रहा था।
तब तक बारिश बंद हो गयी और नवीन को जाना पड़ा। दोनों उस रात सोये नही और एक दूसरे के बारे मे सोचते रहे। अगले दिन सनम अपने दुकान के कमरे मे बैठा कुछ रहा था तभी नवीन आया। दोनों की आँखे मिली और इशारों मे बातें हुयी अब उनसे रहा नही गया, दोनों बिना कुछ कहे आलिंगन से लग गए। सनम ने दुकान का shuttar बंद किया और नवीन के प्रत्येक अंग को चूमने लगा।
नवीन ने भी मदहोश होकर खुद को उसे सौप दिया। जिस्मों से कपड़े और शर्म के पर्दे खुलते चले गए। नग्न अवस्था मे दोनों का आकर्षण प्यार में परिवर्तित हो परवाँन चढ़ रहा था। अब अक्सर दोनों दुकान पर मिलने लगे और प्यार रूपी खेल का रस पान करने लगे। नवीन को उससे सच्ची मोहब्बत हो गयी थी। एक दिन वो दुकान पर गया तो उसे सनम की जगह अब्दुल भाई मिले उनसे पता चला सनम गाँव वापस चला गया क्योंकि उसके बेटे की तबियत नसाज है।
सनम शादीशुदा है ये जानकर उसकी आँखे खुल गयी। उसे अपने प्यार का जवाब चाहिए था। जो उसे सनम से फोन पर बात कर मिल गया। सनम - "ये प्यार क्या होता है, और लड़के से शादी कैसे कर सकता हूँ, मै शादीशुदा हूँ।" नवीन - "फिर मेरा क्या होगा?" सनम - "बिना शादी के भी enjoy कर रहे ना हम लोग, और तू मेरी बीवी न बन बाहर वाला है वही रह समझा।" सारी सच्चाई खुल गयी थी। नवीन को ये धोखा बर्दाश्त नही था।
"उसने सनम से आखिरी बार मिलना चाहा। दोनों दुकान पर मिले जब अब्दुल भाई नही थे। नवीन फिर उसे अपने करीब लाया और सनम से फिर एक बार नही रहा गया और दोनों मे प्यार का खेल फिर एक बार शुरू हुआ। लेकिन इस खेल का अंत होते होते सनम अपने सामने अब्दुल भाई और अपनी पत्नी को खड़ा पाता है। सारी सच्चाई खुल चुकी थी।
नवीन की योजना सफल हो चुकी थी। अब्दुल ने सनम को नौकरी से निकाल दिया और नवीन ने उसे अपने दिल से। सनम के बाहर और भी लड़कियों और लड़को के साथ शारीरिक संबंध होने की बात जान कर उसकी पत्नी ने भी उससे सारे रिश्ते तोड़ दिये। सनम को अपनी गलती का एहसास हो गया था पर अब देर हो चुकी थी। प्यार एकतरफा था दूसरी तरफ हवस, और तीसरी तरफ धोखा।
___The End___
Writer - Nits
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